वर्डप्रेस एक ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर है, जिसे योगदानकर्ताओं के वैश्विक नेटवर्क द्वारा बनाए रखा जाता है। वर्डप्रेस ने लोगों के जीवन को बेहतर तरीके से कैसे बदला है, इसके कई उदाहरण हैं। इस मासिक श्रृंखला में, हम कुछ अनकही और अद्भुत कहानियों को साझा करते हैं ।
पूजा देराश्री ने भारत के एक छोटे से गाँव की एक अंतर्मुखी लड़की से एक डेवलपर बनने और अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं पर काम करने के लिए वर्डप्रेस समुदाय को धन्यवाद दिया है और अपनी कहानी साझा की है।
जैसे जैसे उसकी दिलचस्पी वर्डप्रेस में बड़ी, पूजा ने फेसबुक पर वर्डप्रेस से सम्बंधित कुछ समूहों का अनुसरण करना शुरू करा | यहाँ उसने पहली बार सम्मलेन शैली में आयोजित होने वाले वर्डप्रेस के एक कार्यक्रम “वर्डकेम्प” के बारे में सुना | तत्पश्चात उसने अहमदाबाद (भारत) में अपने पहले वर्डकेम्प में भाग लिया | वर्ष २०१७ में हुए इस तीन दिवसीय आयोजन ने उसके सामने एक नयी दुनिया खोल दी – “वर्डप्रेस समुदाय” और संभवत यही उसके जीवन को नयी दिशा देने वाला पल था |
वर्डकेम्प अहमदाबाद भारत की सर्वोत्तम वर्डप्रेस समुदाय में से एक है | वहां सभी प्रतिभागी और आयोजक विनम्र और स्वागत करते हुए मिले |
– पूजा देराश्री
सीखने की ललक
पूजा में छोटी उम्र से ही किसी भी कार्यप्रणाली को समझने की एवं अनवरत सीखने की अलग ही लालसा थी | अपनी उच्च शिक्षा के लिए वह अपने पैतृक गाँव बनेड़ा से पास ही के शहर में अपने ताऊजी के पास चली गयी| अपने सीखने के उत्साह के चलते उसने इंजीनियर बनने का निर्णय लिया | अतीत के उन पलों को याद करते हुए वो कहती है – “मैं एक ग्रामीण परिवेश से सम्बन्ध रखती हूँ और मेरे गाँव में उस समय पढ़ाई के लिए ज्यादा दूर भेजने को सही नहीं माना जाता था, और वो भी खासकर जब बात एक लड़की की हो| सौभाग्य से मेरे साथ ऐसा बिलकुल भी नहीं था क्योंकि मेरे माता-पिता ने मेरा और मेरे हितों का भरपूर समर्थन किया | उन्होंने हमेशा मुझे अपने आप पर विश्वास करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके समर्थन से, मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में अपनी इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करी।”
वेब डेवलपमेंट में अवसरों की खोज
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी पूजा अपने भविष्य को लेकर सुनिश्चित नहीं थी | तब उसकी एक मित्र ने उसे वेबसाइट डेवलपमेंट में अवसर तलाशने की सलाह दी | उसे ये विचार अच्छा लगा और उसने इसके बारे में पड़ने के लिए संसाधनों को खोजना प्रारम्भ कर दिया | उसने खुद को क्षेत्र के पेशेवरों के साथ सीखने का मौका देने के लिए PHP डेवलपर के रूप में एक इंटर्नशिप भी हासिल की।
वर्डप्रेस के साथ शुरुआत
इस इंटर्नशिप के कारण पूजा को अपनी पहली मिली , जहां उसने बहुत सारी सामग्री प्रबंधन प्रणालियों (Content Management Systems) के बारे में जाना । इन प्रणालियों द्वारा पेश किए गए अवसरों के बारे में उसका दृष्टिकोण तब बदल गया जब प्रबंधक ने उसे वर्डप्रेस प्लेटफॉर्म का उपयोग करने हेतु एक छोटा प्रोजेक्ट सौंपा।
वह याद करती है: “मुझे लगा कि वर्डप्रेस ने उन सभी प्लेटफार्मों को पार कर लिया है जो मैंने पहले काम में लिए थे। इसके विशाल ज्ञानकोष के कारण इसे सीखना और भी आसान हो गया।” वह जल्द ही वर्डप्रेस को प्रबंधित करने, प्लगइन्स और थीम के साथ काम करने में सहज हो गयी और इसे और अधिक गहराई से सीखने की इच्छा जागृत हो गयी।
पूजा जल्द ही WPVibes में पहली टीम के सदस्य के रूप में शामिल हो गई। एक नए स्टार्टअप का हिस्सा बनने से उसे कई नए अनुभव हुए और नई प्रक्रियाओं में शामिल होने का मौका मिला। जैसा कि कंपनी ने विस्तार किया, उन्होंने ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार कस्टम प्लगइन विकास सेवाएं प्रदान करना शुरू किया और कुछ मुफ्त और सशुल्क प्लगइन्स बनाए।
“हमने इसे बहुत रोमांचक और उत्पादक पाया। आज हमारी टीम में १० सदस्य है |” – पूजा
वर्डप्रेस समुदाय से मिला प्रोत्साहन
वर्डप्रेस में योगदान देने से आपका ज्ञान बढ़ता है
एक कार्यक्रम में पूजा को देश विदेश के बहुत से श्रोताओं को सुनने का अवसर मिला| इनमें से कई लोगो ने वर्डप्रेस के साथ अपने यात्रा के बारे में बताया और यह भी साझा किया की कैसे वर्डप्रेस के कारण उसका जीवन बदल गया | पूजा कहती हैं – “राहुल बंसल का वक्तव्य प्रेरणादायक वक्तव्यों में से एक था | उन्होंने वर्डप्रेस में योगदान देने और समुदाय को कुछ वापस देने के बारे में बात की। उन्होंने यह भी बताया कि वर्डप्रेस में योगदान करने से आपको अपना ज्ञान बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इसने मुझे वर्डप्रेस में योगदान करने के लिए प्रेरित किया”
अहमदाबाद के वर्डप्रेस समुदाय ने पूजा और उनके पति आनंद उपाध्याय को प्रेरित करना जारी रखा और उन्होंने बाद में अजमेर के अपने गृह शहर में समुदाय में उनके योगदान के हिस्से के रूप में एक मीटअप समूह शुरू किया। वे अजमेर वर्डप्रेस मीटअप के माध्यम से स्थानीय लोगों को वर्डप्रेस के बारे में प्रोत्साहित करते रहते हैं |
अगले वर्डकेम्प में भाग लेते हुए पूजा योगदान कर्ता दिवस (Contributor Day) में शामिल हुई जोकि वर्डप्रेस उपयोगकर्ताओं को वर्डप्रेस समुदाय में अपना योगदान देने के लिए एक साथ लाता है | वह कई योगदानकर्ताओं से मिली जिनमे से अधिकतर वर्डप्रेस के कोर में अपना योगदान देने में इच्छुक थे | उसने एक अलग कदम उठाया और वर्डप्रेस टीवी समूह में जुड़कर अपना पहला कदम उठाया | उसे वर्डप्रेस को अपनी मातृभाषा में अनुवाद करने के बारे में भी पता चला और वह हिंदी भाषा के लिए एक पोलीगोट (polygot) योगदानकर्ता है |
वर्ष २०१९ में पूजा का चयन बैंकॉक, थाईलैंड में होने वाले प्रथम वर्डकेम्प एशिया में स्वयंसेवक के रूप में हुआ और इसी के साथ उसे वर्डप्रेस समुदाय में और ज्यादा शामिल होने की प्रेरणा मिली | वह पहली बार भारत के बाहर किसी वर्डकेम्प का हिस्सा बनने जा रही थी और वह इसे लेकर बहुत ही उत्साहित थी | परन्तु अफ़सोस की बात है की कोरोना महामारी के कारण वह कार्यक्रम रद्द हो गया | उसका उत्साह काम नहीं हुआ है और वह भविष्य में होने वाले इस तरह के कार्यक्रमों में शामिल होने और वैश्विक समुदाय के और भी अधिक लोगो से मिलने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है|
वर्डप्रेस को बनाने में शामिल होने और अपने कौशल को साझा करने का उसका निश्चय और भी दृढ़ हुआ और इसी के चलते उसने वर्डप्रेस प्रशिक्षण टीम (Training Team) में अपना योगदान देना शुरू किया | यह टीम पाठ योजनाओं का प्रबंधन करती है और उन लोगों का समर्थन करने के लिए सामग्री तैयार करती है जो दूसरों को वर्डप्रेस का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस टीम ने हाल ही में लर्न वर्डप्रेस लॉन्च करने के लिए कुछ अन्य टीमों को शामिल किया, जो सभी स्तरों के उपयोगकर्ताओं के लिए एक साथ सीखने की सामग्री प्रदान करती है | पूजा ने इस परियोजना के दौरान दो अलग-अलग टीमों में योगदान दिया।
वर्डप्रेस समुदाय के लिए सन्देश
पूजा वर्डप्रेस समुदाय में अच्छाई की ताकत में अपने विश्वास को साझा करने के लिए उत्सुक है |
“आपके सीखने में आपकी सहायता करने के लिए एक विशाल समुदाय है, इसलिए सीखना शुरू करें और साथ ही समुदाय को कुछ वापस देने का भी प्रयास करें। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि यदि आप प्रोग्रामिंग के साथ सहज नहीं हैं, और भी कई अलग-अलग तरीके हैं जिनसे आप योगदान कर सकते हैं।”
“मैंने अपने जीवन में जो कुछ भी सीखा है, वह यह है कि आप कहां आए हैं और आपकी क्या पृष्ठभूमि है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मायने रखता है तो सिर्फ आपकी मेहनत और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण।”
योगदानकर्ता
इस कहानी को लिखने के लिए आभा ठाकोर (@webcommsat) और नलिनी ठाकोर (@nalininstopnewsuk),
इस महीने की श्रृंखला में काम करने के लिए सुरेंद्र ठाकोर (@sthakor), जोसेफा हडेन (@chanthaboune), मेहर बाला (@meher), क्लोई ब्राइडमैन (@cbringmann), ओल्गा गेलक्लेर (@oglekler), क्रिस्टोफर चर्चिल (@vimes1984), लारिसा मुरिलो (@lmurillom), और यवेटे सोननेवल्ड (@yvettesonneveld), हिन्दी अनुवाद के लिए आनन्द उपाध्याय (@anandau14) और पूजा देराश्री (@webtechpooja) को उनके #ContributorStory को साझा करने के लिए भी धन्यवाद।
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